OneAd क्या है , OneAd Application से पैसे कैसे कमाये Wednesday, 21 Mar, 8.28 am Hello Friends , आज हम आपको एक ऐसी Application के बारे में बताने वाले जिससे आप हज़ारो रुपये कमा सकते हैं , तो सबसे पहले मेरी आपसे एक Request है plz इस पोस्ट को पूरा पढ़े फिर application को Download करे , OneAd Application क्या है  दोस्तो आज हम आपको OneAd Application से पैसे कैसे कमाये के बारे में बताने वाले हैं । दोस्तो हमारी Site के काफी Users में हमसे पूछा है Sir कोई ऐसी application बताईये जिससे कुछ पैसे earn किये जा सके , तो ऐसे में हम आपको किसी Fack Application के बारे में तो बता नही सकते इसलिए हमने काफी wait किया और कुछ अच्छी सी application आये market में जो सच मे पैसे देती हो , तो दोस्तो Finally एक ऐसी application पिछले महीने प्लेस्टोर में Update हुई है जिससे हम Real में पैसे कमा सकते हैं । और इस application का नाम है OneAd । दोस्तो OneAd Application के बारे में हम starting से जानते थे लेकिन हमको इसके बारे के कुछ Feedback चाहिए थी । वो इसलिए कि हमको ये पता लगाना था कि ये application अपने User को सच मे पैसे pay करती भी है या नही , तो दोस्तो one month का wait करने के बाद हमने इसका Result पाया और देखा कि onead application लोगो को सच मे पैसे देती है और इसके बाद हमने काफी सारी onead पर रिसर्च करने पे पाया कि onead 100 persent true app है जिसपर आप work करके पैसे कमा सकते हैं ।  OneAd Application पर New Account कैसे बनाये  OneAd Application को आप Google Playstore से Free में Download कर सकते है और OneAd application को अब तक google play स्टोर से 10 लाख लोगों द्वार डाउनलोड किया जा चुका है तो आप जल्दी से इस Link OneAd Download पर Visit करके Download करे और Sign Up करते दौरान आपसे OneAd Application पर Referral Code पूछा जाएगा तो आप YKYED6डालना है अगर आप ये Referral Code नही डालोगे तो आप OneAd App पर Sign Up नही कर पाओगे । तो इसलिए YKYED6 Referral Code डालना बहुत ही जरूरी है और अगर आप मेरे Referral Code से जॉइन होते हो तो यहां से आपको काफी सारी जॉइनिंग आपके नीचे आ जाएंगी। Onead application का दावा है की आप onead application से level 10 तक 2.50 lack रुपये यहां से कमा सकते हैं लेकिन हम इस बात का दावा नही करते कि आप यहां से 2.50lack रुपये कमा सकते हैं । लेकिन इतना कह सकते हैं कि आप यहां से हज़ारो रुपये कमा सकते हैं क्योंकि ये application अभी new हैं और ये आपको कुछ सालों तक पे करने वाली है इसलिए हम यहां पर आपको onead application की लाइफटाइम गारंटी नही देते हैं One Ad Application से पैसे कैसे कमाये  OneAd Application भी कुछ Champcash Application जैसी हैं । chamcash app में भी आपको चैन बनानी पड़ती थी मतलब की आपको अपने Friends Join करने पर आपको पैसे मिलते थे वैसे ही आप OneAd Application में किसी को जोड़ते हो तो आपको यहां earning होती है आप यहां पर Leval 10 तक 2.50lak रुपये कमा सकते है ,  OneAd Application से पैसे कैसे transfer करे Bank Account में  One Application से आप minimum ₹4 रुपये अपने bank Account में Transfer कर सकते हो । जब आप Google play Store से One Ad Application Install करते हो यो आपको यहां ₹3 रुपये Bonus के रूप में मिलते है और यहां आप किसी को जॉइन करवाते हैं तो आपको पहली joining पर 3.99 रुपये की earning होगी ।और ये रुपये महीने की एक तारिक को आपके OneAd Balance में Add हो जाते हैं और आप वहां से पैसे निकाल सकते हैं । OneAd Application से पैसे निकालने के लिए आपको homepage पर Earn money का ऑप्शन मिलता है आप वहां पर क्लिक कीजिए और अपनी बैंक Detail फील अप कीजिये और वहां से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं , OneAd का Balance आपके bank एकाउंट में 3 से 4 दिन में Credit हो जाता हैं दोस्तो ऐसा करके आप OneAd Application से रोज के 100 रुपये से 200 रुपये या इससे ज्यादा भी कमा सकते हैं । दोस्तो मुझे उम्मीद है आपको मेरी ये पोस्ट जरूर पसंद आई होगी तो plz friends इस पोस्ट को Facebook और WhatsApp पर शेयर करना न भूले धन्येवाद

OneAD app nice working application

kuchh aache bichar jo jindgi bdal denge
अच्छे विचार / Nice Thought –
Life में अनेको प्रकार से कठिनाईया आती रहती है लेकिन इन कठिनाईयों से संघर्ष करते हुए Success के मार्ग पर चलने का नाम ही जिन्दगी है
तो आईये ऐसे कुछ ऐसे ही Achhe Vichar वाले बातो को जानते है

कुछ अच्छे विचार जो हमारी जिन्दगी बदल सकती है / A CHHE VICHAR IN HINDI –
अच्छे विचार कैसे लाये जानते है कुछ ऐसी ही अच्छी बाते –
”लोग क्या करते है ये आपके लिए मायने नही रखती है लेकिन आप क्या करते है आपके लिए खास होती है”
”जितना सोचते है उससे हमेशा ज्यादा करने की कोशिश करनी चाहिए”

”जिन्दगी एक बार मिलती है Life में कुछ खास अवसर सिर्फ एक बार मिलते है फिर हम उन अवसरों को बार बार पाने का इंतजार क्यू करे”
”इस दुनिया के सबसे बड़े से बड़े इन्सान को उतना ही एक दिन में Time मिलता है जितना की हमे, फिर हम Time नही है ऐसा कहकर खुद को क्यू पीछे करते है’ ‘
”जिन्दगी के एक एक पल का महत्व समझना चाहिए क्यू की दुनिया के बड़े से बड़े काम चंद सेकंडो में ही होते है”
”अवसर सबके लिए एक समान होते है पर उन अवसरों का फायदा उठाना कुछ लोग ही जानते है”
”लोग सोचते ज्यादा है करते है और करते है कम है लेकिन जो Success होते है वे सोचने के साथ साथ उसे पूरा भी करते है”

”सपने देखना Achhi Baat है लेकिन उसे पूरा करना महान लोगो की निशानी है”
यह भी पढ़े – एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरित करने वाले कुछ महान विचार
”हर इन्सान अपने लिए जीता तो जरुर है लेकिन जो दुसरो के लिए जीता है शायद उसे ही लोग याद करते है”
”इन्सान अपने शब्दों से नही कर्मो से महान बनता है”
”नाम से आपको कुछ लोग ही पहचान सकते है लेकिन आप के कर्मो से हर कोई जान सकता है”

”आप अगर Success के रास्ते पर जा रहे हो तो आपको बहुत से लोग मिल जायेगे लेकिन यदि आप अपनी अपनी Aim में Fail हो रहे होंगे तो हर कोई साथ छोड़ देता है”
”निरंतर मेहनत ही सफलता की कुंजी होती है”
”दुःख में भी दुखी न होकर धैर्य से उसका सामना करना ही महापुरुषों की निशानी है”

”गरीब से गरीब इन्सान भी अपने मेहनत और ईमानदारी के बल पर दुनिया का सबसे महान व्यक्ति बन सकता है”
”जो लोग Success होते है वे कभी भी हार नही मानते”
”दुनिया में हर चीज अपने Time पर होता है सूर्य भी अपने Time पर निकलता है तो हम जल्दी सफलता नही मिलने पर क्यू घबराते है जब सही वक़्त होगा सफलता अपने आप कदम चूमेगी ऐसी मन में भावना होनी चाहिए”

Must Read – शिव खेड़ा के अनमोल विचार और कथन Shiv Khera Motivational Quotes
”एक बार हम Fail होते है तो जिन्दगी यही खत्म नही हो जाती है यही से अब हमारी असली परीक्षा शुरू होती है की अब हम कितना आगे जा सकते है”
”एक बार Fail होने से हार मान लेना अपनी की गयी सारी मेहनत को यु ही गवा देने के बराबर है”
”अपनी Life में हर कोई कभी न कभी Fail जरुर होता है लेकिन अपनी हुई गलतियों से सीख लेकर आगे बढने का नाम ही जिन्दगी है”

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”हार और जीत जिन्दगी का हिस्सा है फिर हम इसे बार बार Soch सोंचकर खुद को क्यू परेशान करना”
”हो सकता है की हमारी सफलता एकदम Last में हो तो हम बार बार Fail होने से अपने कदम क्यू पीछे खीचे”
”दिन रात की गयी सच्चे मन से मेहनत कभी बेकार नही जाती कभी न कभी की गयी मेहनत रंग जरुर लाती है”

”अगर हम अपने किये गए कार्यो में सिर्फ लाभ की कामना करने लगे तो हम कभी भी दुसरो के लिए जी नही सकते”
”सबके लिए अपने मन में आदर का भाव रखना अच्छे इन्सान की निशानी है”
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”आपसे कोई गरीब भी हो सकता है तो उसको भी सम्मान देना महापुरुषों काम है”
”जिसकी वाणी पर खुद का Control हो वो कभी भी दुसरो के लिए कभी गलत बात नही बोल सकता”
”इन्सान चेहरे से सुंदर हो सकता है लेकिन उसकी असली पहचान उसकी वाणी और बोल ही कराते है”
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”अगर हम चाहे तो असम्भव से असम्भव कार्य को सम्भव बना सकते है बस इसको पूरा करने के लिए हमारे मन में लगन होनी चाहिए”
”हम सबकुछ पाना चाहते है लेकिन जब करने की बारी आती है तो हमारे कदम पीछे हो जाते है”
”अगर Success पाना है तो एक पल बिना गवाए हमे तुरंत अपने Aim को पूरा करने में लग जाना चाहिए”
तो अगर हम इन अच्छे विचार वाली बातो पर ध्यान रखे तो निश्चित ही हम अपने Life को सफल बना सकते ह

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सात चक्र और अपार सिद्धियां, जानिए कैसे होगा संभव
योग के विभूतिपाद में अष्टसिद्धि के अलावा अन्य अनेक प्रकार की सिद्धियों का वर्णन मिलता है। सभी सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए चक्रों को जाग्रत करना चाहिए। मनुष्य शरीर स्थित कुंडलिनी शक्ति में जो चक्र स्थित होते हैं उनकी संख्या कहीं छ: तो कहीं सात बताई गई है।
समय-समय पर चक्रों वाले स्थान पर ध्यान दिया जाए तो मानसिक स्वास्थ्य और सुदृढ़ता के साथ ही सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं तो जानते है चक्रों को जाग्रत करने की विधि और किस चक्र से प्राप्त होती है कौन सी सिद्धि...
मूलाधार चक्र : यह शरीर का पहला चक्र है। गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला यह 'आधार चक्र' है। 99.9 लोगों की चेतना इसी चक्र पर अटकी रहती है और वे इसी चक्र में रहकर मर जाते हैं। जिनके जीवन में भोग, संभोग और निद्रा की प्रधानता है उनकी ऊर्जा इसी चक्र के आसपास एकत्रित रहती है।

मंत्र : लं
चक्र जगाने की विधि : मनुष्य तब तक पशुवत है, जब तक कि वह इस चक्र में जी रहा है इसीलिए भोग, निद्रा और संभोग पर संयम रखते हुए इस चक्र पर लगातार ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है। इसको जाग्रत करने का दूसरा नियम है यम और नियम का पालन करते हुए साक्षी भाव में रहना।
प्रभाव : इस चक्र के जाग्रत होने पर व्यक्ति के भीतर वीरता, निर्भीकता और आनंद का भाव जाग्रत हो जाता है। सिद्धियां प्राप्त करने के लिए वीरता, निर्भीकता और जागरूकता का होना जरूरी है।
स्वाधिष्ठान चक्र- यह वह चक्र है, जो लिंग मूल से चार अंगुल ऊपर स्थित है जिसकी छ: पंखुरियां हैं। अगर आपकी ऊर्जा इस चक्र पर ही एकत्रित है तो आपके जीवन में आमोद-प्रमोद, मनोरंजन, घूमना-फिरना और मौज-मस्ती करने की प्रधानता रहेगी। यह सब करते हुए ही आपका जीवन कब व्यतीत हो जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा और हाथ फिर भी खाली रह जाएंगे।

मंत्र : वं
कैसे जाग्रत करें : जीवन में मनोरंजन जरूरी है, लेकिन मनोरंजन की आदत नहीं। मनोरंजन भी व्यक्ति की चेतना को बेहोशी में धकेलता है। फिल्म सच्ची नहीं होती लेकिन उससे जुड़कर आप जो अनुभव करते हैं वह आपके बेहोश जीवन जीने का प्रमाण है। नाटक और मनोरंजन सच नहीं होते।
प्रभाव : इसके जाग्रत होने पर क्रूरता, गर्व, आलस्य, प्रमाद, अवज्ञा, अविश्वास आदि दुर्गणों का नाश होता है। सिद्धियां प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि उक्त सारे दुर्गुण समाप्त हो तभी सिद्धियां आपका द्वार खटखटाएंगी।
मणिपुर चक्र : नाभि के मूल में स्थित रक्त वर्ण का यह चक्र शरीर के अंतर्गत मणिपुर नामक तीसरा चक्र है, जो दस दल कमल पंखुरियों से युक्त है। जिस व्यक्ति की चेतना या ऊर्जा यहां एकत्रित है उसे काम करने की धुन-सी रहती है। ऐसे लोगों को कर्मयोगी कहते हैं। ये लोग दुनिया का हर कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं।

मंत्र : रं
कैसे जाग्रत करें : आपके कार्य को सकारात्मक आयाम देने के लिए इस चक्र पर ध्यान लगाएंगे। पेट से श्वास लें।
प्रभाव : इसके सक्रिय होने से तृष्णा, ईर्ष्या, चुगली, लज्जा, भय, घृणा, मोह आदि कषाय-कल्मष दूर हो जाते हैं। यह चक्र मूल रूप से आत्मशक्ति प्रदान करता है। सिद्धियां प्राप्त करने के लिए आत्मवान होना जरूरी है। आत्मवान होने के लिए यह अनुभव करना जरूरी है कि आप शरीर नहीं, आत्मा हैं। आत्मशक्ति, आत्मबल और आत्मसम्मान के साथ जीवन का कोई भी लक्ष्य दुर्लभ नहीं।
अनाहत चक्र- हृदय स्थल में स्थित स्वर्णिम वर्ण का द्वादश दल कमल की पंखुड़ियों से युक्त द्वादश स्वर्णाक्षरों से सुशोभित चक्र ही अनाहत चक्र है। अगर आपकी ऊर्जा अनाहत में सक्रिय है, तो आप एक सृजनशील व्यक्ति होंगे। हर क्षण आप कुछ न कुछ नया रचने की सोचते हैं। आप चित्रकार, कवि, कहानीकार, इंजीनियर आदि हो सकते हैं।

मंत्र : यं
कैसे जाग्रत करें : हृदय पर संयम करने और ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है। खासकर रात्रि को सोने से पूर्व इस चक्र पर ध्यान लगाने से यह अभ्यास से जाग्रत होने लगता है और सुषुम्ना इस चक्र को भेदकर ऊपर गमन करने लगती है।
प्रभाव : इसके सक्रिय होने पर लिप्सा, कपट, हिंसा, कुतर्क, चिंता, मोह, दंभ, अविवेक और अहंकार समाप्त हो जाते हैं। इस चक्र के जाग्रत होने से व्यक्ति के भीतर प्रेम और संवेदना का जागरण होता है। इसके जाग्रत होने पर व्यक्ति के समय ज्ञान स्वत: ही प्रकट होने लगता है।
व्यक्ति अत्यंत आत्मविश्वस्त, सुरक्षित, चारित्रिक रूप से जिम्मेदार एवं भावनात्मक रूप से संतुलित व्यक्तित्व बन जाता हैं। ऐसा व्यक्ति अत्यंत हितैषी एवं बिना किसी स्वार्थ के मानवता प्रेमी एवं सर्वप्रिय बन जाता है।
विशुद्ध चक्र- कंठ में सरस्वती का स्थान है, जहां विशुद्ध चक्र है और जो सोलह पंखुरियों वाला है। सामान्यतौर पर यदि आपकी ऊर्जा इस चक्र के आसपास एकत्रित है तो आप अति शक्तिशाली होंगे।

मंत्र : हं
कैसे जाग्रत करें : कंठ में संयम करने और ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है।
प्रभाव : इसके जाग्रत होने कर सोलह कलाओं और सोलह विभूतियों का ज्ञान हो जाता है। इसके जाग्रत होने से जहां भूख और प्यास को रोका जा सकता है वहीं मौसम के प्रभाव को भी रोका जा सकता है।
आज्ञाचक्र : भ्रूमध्य (दोनों आंखों के बीच भृकुटी में) में आज्ञा चक्र है। सामान्यतौर पर जिस व्यक्ति की ऊर्जा यहां ज्यादा सक्रिय है तो ऐसा व्यक्ति बौद्धिक रूप से संपन्न, संवेदनशील और तेज दिमाग का बन जाता है लेकिन वह सब कुछ जानने के बावजूद मौन रहता है। इस बौद्धिक सिद्धि कहते हैं।
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मंत्र : ऊं
कैसे जाग्रत करें : भृकुटी के मध्य ध्यान लगाते हुए साक्षी भाव में रहने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है।
प्रभाव : यहां अपार शक्तियां और सिद्धियां निवास करती हैं। इस आज्ञा चक्र का जागरण होने से ये सभी शक्तियां जाग पड़ती हैं और व्यक्ति एक सिद्धपुरुष बन जाता है।
सहस्रार चक्र : सहस्रार की स्थिति मस्तिष्क के मध्य भाग में है अर्थात जहां चोटी रखते हैं। यदि व्यक्ति यम, नियम का पालन करते हुए यहां तक पहुंच गया है तो वह आनंदमय शरीर में स्थित हो गया है। ऐसे व्यक्ति को संसार, संन्यास और सिद्धियों से कोई मतलब नहीं रहता है।
कैसे जाग्रत करें : मूलाधार से होते हुए ही सहस्रार तक पहुंचा जा सकता है। लगातार ध्यान करते रहने से यह चक्र जाग्रत हो जाता है और व्यक्ति परमहंस के पद को प्राप्त कर लेता है।
प्रभाव : शरीर संरचना में इस स्थान पर अनेक महत्वपूर्ण विद्युतीय और जैवीय विद्युत का संग्रह है। यही मोक्ष का द्वार है।

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अर्जुन अवसर मिलते ही भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अपनी जिज्ञासा का समाधान पाने पहुंच जाते थे। एक दिन उन्होंने पूछा, हे कृष्ण, यह मन बड़ा चंचल है। मनुष्य को भटकाता रहता है। जिस प्रकार वायु को वश में नहीं किया जा सकता, उसी प्रकार मन को वश में करना मुझे कठिन लगता है। इसे वश में करने का उपाय बताएं। श्रीकृष्ण ने कहा, अर्जुन, निस्संदेह मन ठहर नहीं सकता, परंतु अभ्यास और वैराग्य से उसे वश में किया जा सकता है। सतत अभ्यास करनेवाला, लोभ, मोह और ममता से विरत हो जाने वाला व्यक्ति मन को वश में कर सकता है आध्यात्मिक विभूति आनंदमयी मां कहा करती थीं, मन को वश में करने का उपाय यह है कि हम शरीर और संसार की जगह आत्मा को जानने का प्रयास करें। मन को पवित्र एवं उत्कृष्ट विचारों के चिंतन में लगाए रखें। इसके लिए नेत्रों, कानों और जिह्वा का संयम आवश्यक है। न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न बुरा उच्चारित करें। यदि दूषित दृश्य देखोगे और अश्लील वार्ता सुनोगे, तो मन स्वतः दूषित हो उठेगा आर्य संन्यासी महात्मा आनंद स्वामी सरस्वती तो यह भी कहा करते थे कि मन उसी का पवित्र रह सकता है, जो पवित्र वातावरण में रहता है। इतना ही नहीं, जो व्यक्ति ईमानदारी और परिश्रम से अर्जित धन से प्राप्त सात्विक भोजन ग्रहण करता है, वही मन को वश में रखने में समर्थ हो सकता है

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सारे कर्मों को सुधारने के लिए मन के कर्मों को सुधारना होता है और मन के
कर्म को सुधारने के लिए मन पर पहरा लगाना होता है। कैसे कोई पहरा लगाएगा, जब यह ही नहीं जानता कि मन क्या है और कैसे काम करता है? उसका शरीर से क्या संबंध है और कैसे काम करता है? शरीर से कैसे प्रभावित होता है? वह शरीर को कैसे प्रभावित करता है? इस इंटर-एक्शन की वजह से कैसे विकास का उद्गम होता है, संवर्द्धन होता है। यह सारा कुछ कैसे जानेगा।
पुस्तकों से नहीं जाना जा सकता, प्रवचनों से नहीं जान सकता। इसके लिए स्वयं काम करना पड़ेगा। अंतरमुखी होकर के काया में स्थित होना पड़ेगा। विपश्यना कोई जादू नहीं है, कोई चमत्कार नहीं है। कोई गुरु महाराज का आशीर्वाद नहीं है। यह काम करना पड़ता है। किसी देवी की कृपा नहीं, देवता की कृपा नहीं, स्वयं काम करना पड़ता है।
अपने मन को मैंने बिगाड़ा, उसे सुधारने की मेरी जिम्मेदारी है और सुधारने का यह तरीका है। तो गहराइयों में जाकर के यह जो प्रतिक्रिया करने वाला स्वभाव है इसे दुर्बल बनाते जाएँ, दुर्बल बनाते जाएँ और मानस का यह साक्षीभाव का स्वभाव है उसे सबल बनाते जाएँ। पत्थर की लकीर जैसे संस्कार बनने न पाएँ।
हम दिनभर न जाने कितने संस्कार बनाते हैं। प्रतिक्षण कोई न कोई संस्कार बनते ही रहता है, भीतर प्रतिक्रिया होती ही रहती है। रात को सोने से पहले जरा चिंतन करके देखें आज हमने कितने संस्कार बनाए? याद करके देखेंगे तो एक या दो, जिनका मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा वही उभरकर आएँगे। अरे, आज तो मैंने यह या वह बड़ा गहरा कर्म संस्कार बना लिया। महीने के आखिर में चिंतन करके देखेंगे, इस महीने भर में गहरे-गहरे कितने संस्कार बनाए? तो जितने गहरे संस्कार बनाए उनमें से एक या दो जो सबसे गहरे हैं वही उभरकर आएँगे।
इस जीवन का अंतिम क्षण अगले जीवन के प्रथम क्षण का जनक है। जैसा बाप वैसा बेटा। वही गुण-धर्म स्वभाव ले करके जन्मेगा। अगले जन्म का पहला क्षण इस जन्म के अंतिम क्षण की संतान है वैसा ही होगा। तो अंतिम क्षण कैसा हो? विपश्यना करते-करते ये जो विपश्यना के संस्कार हैं, सजग रहने के संस्कार हैं, ये भी तो अपना बल रखते हैं। ये जागेंगे और मृत्यु के क्षण बहुत पीड़ा की अनुभूति हो रही है तो यह विपश्यना का संस्कार जिसने विज्ञान को बड़ा बलवान बनाया, वह समता से देख रहा है तो यह अंतिम क्षण बड़ा अच्छा क्षण हुआ।
अंतिम क्षण हुआ तो अगला क्षण अपने आप अच्छा होगा। लोक सुधर जाएगा तो परलोक अपने आप सुधर जाएगा। तो विपश्यी साधक मरने की कला सीखता है। मरने की कला वही सीखेगा जिसने जीने की कला सीखी। जिसे जीना ही नहीं आया, अरे उसे मरना क्या आएगा?

man ko bas me karne ka sahi tarika hindi me

Best love hindi sayri 


1. pyar ki raho me koi har kar bhi jit jata h aur koi jit kar bhi har jata h jmana bhale hi tumeh lakh bura khe na jane hme phr bhi kio tum par pyar aata h

2. yar ne dil ka hal barana chhod diya hmne bhi ghrai me jana chhod diya jab use hi duri ka ahsas nahi to hamne bhi ahsas dilana chhod diya

3.tuthe hue glas me jam nahi aata isk ke marijo ko aaram nhi aata dil todne se phle socha to hota tuta huaa dil kisi ke kam nhi aata

4.meri yad tum ho us yad se jab dil khil uthta h to hothu par muskuraht tum ho aaj sirph itna khna h may sirph tumhara aur tum sirph meri ho

5.ye dost teri dosti ke liye duniya chhod denge ham teri trph aaye hr tuphan ko mod denge lekin tune jo sath hamara chhoda to kasm teri hm is jha ko chhod denge

6.mera ikrar tere inkar se behtr hoga meri har din teri har rar se behtar hoga ykin nhi to doli se chhank ke dekhna meri jnaja teribarat se behtar hoga

7.lmha_lmha intjar kiya us lmhe ke liye ow lmha aaya to bas ek lmhe ke liye gujaris ye h khuda se meri ow lmha phir aa jaye ek lmhe ke liye

Best Love Sayri hindi me

आजकल बहुत सारी किताबें और योग-स्टूडियो या योग केंद्र कुंडलिनी योग और उसके लाभों के बारे में बात करते हैं।

यह बात और है कि वे इसके बारे में जानते कुछ भी नहीं।

यहां तक कि जब हम कुंडलिनी शब्द का उच्चारण भी करते हैं तो पहले अपने मन में एक तरह की श्रद्धा लाते हैं और तब उस शब्द का उच्चारण करते हैं, क्योंकि यह शब्द है ही इतना विशाल, इतना विस्तृत। अगर आप कुंडलिनी को जाग्रत करना चाहते हैं तो आपको अपने शरीर, मन और भावना के स्तर पर जरूरी तैयारी करनी होगी, क्योंकि अगर आप बहुत ज्यादा वोल्ट की सप्लाई एक ऐसे सिस्टम में कर दें जो उसके लिए तैयार नहीं है तो सब कुछ जल जाएगा। मेरे पास तमाम ऐसे लोग आए हैं जो अपनी शारीरिक क्षमताएं और दिमागी संतुलन खो बैठे हैं। इन लोगों ने बिना जरूरी तैयारी और मार्गदर्शन के ही
कुंडलिनी योग करने की कोशिश की। अगर कुंडलिनी योग के लिए उपयुक्त माहौल नहीं है, तो कुंडलिनी जाग्रत करने की कोशिश बेहद खतरनाक और गैरजिम्मेदाराना हो सकती है।
अगर आप इस ऊर्जा को हासिल करना चाहते हैं, जो कि एक जबर्दस्त शक्ति है, तो आपको स्थिर होना होगा। यह नाभिकीय ऊर्जा (न्यूक्लियर एनर्जी) के इस्तेमाल की तकनीक सीखने जैसा है। जापान की स्थिति को देखते हुए आजकल हर कोई परमाणु विज्ञान पर बहुत ध्यान दे रहा है, और उस के बारे में बहुत ज्यादा सीख रहा है। अगर आप रूसी अनुभव को भूल चुके हैं, तो जापानी आपको याद दिला रहे हैं। अगर आप इस ऊर्जा को हासिल करना चाहते हैं तो यह काम आपको बड़ी ही सावधानी से करना होगा। अगर आप सुनामी और भूकंप जैसी संभावनाओं से घिरे हैं, फिर भी आप न्यूक्लियर एनर्जी से खेल रहे हैं तो आप एक तरह से अपने लिए मुसीबत को ही निमंत्रण दे रहे हैं। कुंडलिनी के साथ भी ऐसा ही है।
आज ज्यादातर लोग जिस तरह की जिंदगी जी रहे हैं, उसमें बहुत सारी चीजें, जैसे- भोजन, रिश्ते और तरह-तरह की गतिविधियां पूरी तरह से उनके नियंत्रण में नहीं हैं। उन्होंने कहीं किसी किताब में पढ़ लिया और कुंडलिनी जाग्रत करने की कोशिश करने लगे। इस तरह कुंडलिनी जाग्रत करना ठीक ऐसा है जैसे आप इंटरनेट पर पढक़र अपने घर में न्यूक्लियर रिएक्टर बना रहे हों। न्यूक्लियर बम कैसे बनाया जाता है, वर्ष 2006 तक इसकी पूरी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद थी। हमें नहीं पता कितने लोगों ने उसे डाउनलोड किया। बस सौभाग्य की बात यह रही कि इस बम को बनाने के लिए जिस पदार्थ की जरूरत होती है, वह लोगों की पहुंच से बाहर था। कुंडलिनी के साथ भी ऐसा ही है। बहुत सारे लोगों ने पढ़ लिया है कि कैसे कुंडलिनी जाग्रत करके आप चमत्कारिक काम कर सकते हैं। हो सकता है कि बुद्धि के स्तर पर उन्हें पता हो कि क्या करना है, लेकिन अनुभव के स्तर पर उन्हें कुछ नहीं पता। यह अच्छी बात है, क्योंकि अगर वे इस ऊर्जा को हासिल कर लेते हैं, तो वे इसे संभाल नहीं पाएंगे। यह उनके पूरे सिस्टम को पल भर में नष्ट कर देगी। न केवल उनका, बल्कि आसपास के लोगों का भी इससे जबर्दस्त नुकसान होगा।
इसका मतलब यह नहीं है कि कुंडलिनी योग के साथ कुछ गड़बड़ है। यह एक शानदार प्रक्रिया है लेकिन इसे सही ढंग से किया जाना चाहिए, क्योंकि ऊर्जा में अपना कोई विवेक नहीं होता। आप इससे अपना जीवन बना भी सकते हैं और मिटा भी सकते हैं। बिजली हमारे जीवन के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन अगर आप उसे छूने की कोशिश करेंगे, तो आपको पता है कि क्या होगा। इसीलिए मैं आपको बता रहा हूं कि ऊर्जा में अपनी कोई सूझबूझ नहीं होती। आप जैसे इसका इस्तेमाल करेंगे, यह वैसी ही है। कुंडलिनी भी ऐसे ही है। आप इसका उपयोग अभी भी कर रहे हैं, लेकिन बहुत ही कम। अगर आप इसे बढ़ा दें तो आप अस्तित्व की सीमाओं से भी परे जा सकते हैं। सभी योग एक तरह से उसी ओर ले जाते हैं, लेकिन कुंडलिनी योग खासतौर से उधर ही ले जाता है। दरअसल पूरा जीवन ही उसी दिशा में जा रहा है। लोग जीवन को जिस तरह से अनुभव कर रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा तीव्रता और गहराई से अनुभव करना चाहते हैं। कोई गाना चाहता है, कोई नाचना चाहता है, कोई शराब पीना चाहता है, कोई प्रार्थना करना चाहता है। वे लोग ये सब क्यों कर रहे हैं? वे जीवन को ज्यादा तीव्रता के साथ महसूस करना चाहते हैं। हर कोई असल में अपनी कुंडलिनी को जाग्रत करना चाहता है, लेकिन सभी इस काम को उटपटांग तरीके से कर रहे हैं। जब आप इसे सही ढंग से, सही मागदर्शन में, वैज्ञानिक तरीके से करते हैं तो हम इसे योग कहते हैं।

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