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pappu ji ballia

bhagwat gita bhgwan Sri krishn ka wchan hindi me

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अर्जुन अवसर मिलते ही भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अपनी जिज्ञासा का समाधान पाने पहुंच जाते थे। एक दिन उन्होंने पूछा, हे कृष्ण, यह मन बड़ा चंचल है। मनुष्य को भटकाता रहता है। जिस प्रकार वायु को वश में नहीं किया जा सकता, उसी प्रकार मन को वश में करना मुझे कठिन लगता है। इसे वश में करने का उपाय बताएं। श्रीकृष्ण ने कहा, अर्जुन, निस्संदेह मन ठहर नहीं सकता, परंतु अभ्यास और वैराग्य से उसे वश में किया जा सकता है। सतत अभ्यास करनेवाला, लोभ, मोह और ममता से विरत हो जाने वाला व्यक्ति मन को वश में कर सकता है आध्यात्मिक विभूति आनंदमयी मां कहा करती थीं, मन को वश में करने का उपाय यह है कि हम शरीर और संसार की जगह आत्मा को जानने का प्रयास करें। मन को पवित्र एवं उत्कृष्ट विचारों के चिंतन में लगाए रखें। इसके लिए नेत्रों, कानों और जिह्वा का संयम आवश्यक है। न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न बुरा उच्चारित करें। यदि दूषित दृश्य देखोगे और अश्लील वार्ता सुनोगे, तो मन स्वतः द...

kuchh ayse subichar jo jindgi bdal degi

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kuchh aache bichar jo jindgi bdal denge अच्छे विचार / Nice Thought – Life में अनेको प्रकार से कठिनाईया आती रहती है लेकिन इन कठिनाईयों से संघर्ष करते हुए Success के मार्ग पर चलने का नाम ही जिन्दगी है तो आईये ऐसे कुछ ऐसे ही Achhe Vichar वाले बातो को जानते है कुछ अच्छे विचार जो हमारी जिन्दगी बदल सकती है / A CHHE VICHAR IN HINDI – अच्छे विचार कैसे लाये जानते है कुछ ऐसी ही अच्छी बाते – ”लोग क्या करते है ये आपके लिए मायने नही रखती है लेकिन आप क्या करते है आपके लिए खास होती है” ”जितना सोचते है उससे हमेशा ज्यादा करने की कोशिश करनी चाहिए” ”जिन्दगी एक बार मिलती है Life में कुछ खास अवसर सिर्फ एक बार मिलते है फिर हम उन अवसरों को बार बार पाने का इंतजार क्यू करे” ”इस दुनिया के सबसे बड़े से बड़े इन्सान को उतना ही एक दिन में Time मिलता है जितना की हमे, फिर हम Time नही है ऐसा कहकर खुद को क्यू पीछे करते है’ ‘ ”जिन्दगी के एक एक पल का महत्व समझना चाहिए क्यू की दुनिया के बड़े से बड़े काम चंद सेकंडो में ही होते है” ”अवसर सबके लिए एक समान होते है पर उन अवसरों का फायदा उठाना कुछ लोग ही जानते है”...

kundalini sakti hindime superjankarihindime.com

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सात चक्र और अपार सिद्धियां, जानिए कैसे होगा संभव योग के विभूतिपाद में अष्टसिद्धि के अलावा अन्य अनेक प्रकार की सिद्धियों का वर्णन मिलता है। सभी सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए चक्रों को जाग्रत करना चाहिए। मनुष्य शरीर स्थित कुंडलिनी शक्ति में जो चक्र स्थित होते हैं उनकी संख्या कहीं छ: तो कहीं सात बताई गई है। समय-समय पर चक्रों वाले स्थान पर ध्यान दिया जाए तो मानसिक स्वास्थ्य और सुदृढ़ता के साथ ही सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं तो जानते है चक्रों को जाग्रत करने की विधि और किस चक्र से प्राप्त होती है कौन सी सिद्धि... मूलाधार चक्र : यह शरीर का पहला चक्र है। गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला यह 'आधार चक्र' है। 99.9 लोगों की चेतना इसी चक्र पर अटकी रहती है और वे इसी चक्र में रहकर मर जाते हैं। जिनके जीवन में भोग, संभोग और निद्रा की प्रधानता है उनकी ऊर्जा इसी चक्र के आसपास एकत्रित रहती है। मंत्र : लं चक्र जगाने की विधि : मनुष्य तब तक पशुवत है, जब तक कि वह इस चक्र में जी रहा है इसीलिए भोग, निद्रा और संभोग पर संयम रखते हुए इस चक्र पर लगातार ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने...

bhagwat gita bhgwan Sri krishn ka wchan hindi me

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अर्जुन अवसर मिलते ही भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अपनी जिज्ञासा का समाधान पाने पहुंच जाते थे। एक दिन उन्होंने पूछा, हे कृष्ण, यह मन बड़ा चंचल है। मनुष्य को भटकाता रहता है। जिस प्रकार वायु को वश में नहीं किया जा सकता, उसी प्रकार मन को वश में करना मुझे कठिन लगता है। इसे वश में करने का उपाय बताएं। श्रीकृष्ण ने कहा, अर्जुन, निस्संदेह मन ठहर नहीं सकता, परंतु अभ्यास और वैराग्य से उसे वश में किया जा सकता है। सतत अभ्यास करनेवाला, लोभ, मोह और ममता से विरत हो जाने वाला व्यक्ति मन को वश में कर सकता है आध्यात्मिक विभूति आनंदमयी मां कहा करती थीं, मन को वश में करने का उपाय यह है कि हम शरीर और संसार की जगह आत्मा को जानने का प्रयास करें। मन को पवित्र एवं उत्कृष्ट विचारों के चिंतन में लगाए रखें। इसके लिए नेत्रों, कानों और जिह्वा का संयम आवश्यक है। न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न बुरा उच्चारित करें। यदि दूषित दृश्य देखोगे और अश्लील वार्ता सुनोगे, तो मन स्वतः द...

man ko bas me karne ka sahi tarika hindi me

सारे कर्मों को सुधारने के लिए मन के कर्मों को सुधारना होता है और मन के कर्म को सुधारने के लिए मन पर पहरा लगाना होता है। कैसे कोई पहरा लगाएगा, जब यह ही नहीं जानता कि मन क्या है और कैसे काम करता है? उसका शरीर से क्या संबंध है और कैसे काम करता है? शरीर से कैसे प्रभावित होता है? वह शरीर को कैसे प्रभावित करता है? इस इंटर-एक्शन की वजह से कैसे विकास का उद्गम होता है, संवर्द्धन होता है। यह सारा कुछ कैसे जानेगा। पुस्तकों से नहीं जाना जा सकता, प्रवचनों से नहीं जान सकता। इसके लिए स्वयं काम करना पड़ेगा। अंतरमुखी होकर के काया में स्थित होना पड़ेगा। विपश्यना कोई जादू नहीं है, कोई चमत्कार नहीं है। कोई गुरु महाराज का आशीर्वाद नहीं है। यह काम करना पड़ता है। किसी देवी की कृपा नहीं, देवता की कृपा नहीं, स्वयं काम करना पड़ता है। अपने मन को मैंने बिगाड़ा, उसे सुधारने की मेरी जिम्मेदारी है और सुधारने का यह तरीका है। तो गहराइयों में जाकर के यह जो प्रतिक्रिया करने वाला स्वभाव है इसे दुर्बल बनाते जाएँ, दुर्बल बनाते जाएँ और मानस का यह साक्षीभाव का स्वभाव है उसे सबल बनाते जाएँ। पत्थर की लकीर जैसे संस्कार बनने न...

Best Love Sayri hindi me

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Best love hindi sayri  1. pyar ki raho me koi har kar bhi jit jata h aur koi jit kar bhi har jata h jmana bhale hi tumeh lakh bura khe na jane hme phr bhi kio tum par pyar aata h 2. yar ne dil ka hal barana chhod diya hmne bhi ghrai me jana chhod diya jab use hi duri ka ahsas nahi to hamne bhi ahsas dilana chhod diya 3.tuthe hue glas me jam nahi aata isk ke marijo ko aaram nhi aata dil todne se phle socha to hota tuta huaa dil kisi ke kam nhi aata 4.meri yad tum ho us yad se jab dil khil uthta h to hothu par muskuraht tum ho aaj sirph itna khna h may sirph tumhara aur tum sirph meri ho 5.ye dost teri dosti ke liye duniya chhod denge ham teri trph aaye hr tuphan ko mod denge lekin tune jo sath hamara chhoda to kasm teri hm is jha ko chhod denge 6.mera ikrar tere inkar se behtr hoga meri har din teri har rar se behtar hoga ykin nhi to doli se chhank ke dekhna meri jnaja teribarat se behtar hoga 7.lmha_lmha intjar kiya us lmhe ke liye ow lmha aaya to bas ek lm...

yog sakti ka pura sach kundalini sakti

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आजकल बहुत सारी किताबें और योग-स्टूडियो या योग केंद्र कुंडलिनी योग और उसके लाभों के बारे में बात करते हैं। यह बात और है कि वे इसके बारे में जानते कुछ भी नहीं। यहां तक कि जब हम क...

manav mastiks ki 20 mahan saktiya in hindi

suparnankarihindime janiye manav mastiks ke rochak bate ।मस्तिष्क जिस किसी चीज को स्वीकार करता है और विश्वास करता है, वह उसे प्राप्त भी कर सकता है क्योंकि आपका मस्तिष्क जिन चीजों को सोचता है, देखता है, विश्वास करता है और...

manav sarir se judi 25 rochak bae jine aap sayd nahi jante

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suparjanmarihindime शरीर के बारे में रोचक और ज्ञानवर्धक 25 बातें 1.मनुष्य के एक बाल की आयु 3 से 7 साल तक की होती है। 2.मनुष्य के बाल न तो सर्दी द्वारा, न जलवायु द्वारा, न पानी द्वारा और न ही अन्य कुदरती बलों द्वारा नष्ट होते है और यह कई प्रकार के तेजाबों के प्रतीरोधकभी है। 3.आप के महिदे(stomatch) में जो तेजाब होता है वह बलेड़ को भी पचा सकता है। यह तेजाब Hydrochloric तेजाब होता है। 4.अपने जीवन काल के दौरान आप दो स्वीमिंग पुल जितनी लार बना लेते है। लार भोजन को पचाने और उसे सवादिस्ट बनाने के लिए महत्वपुर्ण भूमिका निभाती है। 5.एक औसतन मनुष्य दिन में लगभग 14 बार उदरवायु(पाद) अपने शरीर से बाहर निकालता है। 6.कान की मैल बनना सेहत के लिए अच्छा है। कुछ लोगों को यह बिलकुल पसंद नही होती पर यह हमारे रक्षा तंत्र के लिए बहुत जरुरी होती है। यह कानों को कई प्रकार के बैकटीरीया, उल्ली और कीड़ो से बचाती है। 7.बच्चे अकसर नीली आखों के साथ जन्म लेते हैं। जन्म के थोड़ी बाद तक बच्चों को कुछ समय तक सब धुधला देखाई देता है मगर बाद में आखों का रंग सही हो जाता है। 8.बहुत ज्यादा खा लेने के बाद आपकी सुनने की ...

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avchetan man in hindi avchetan man kiya h

अवचेतन मन क्या है एवं इसका उपयोग कैसे करे  dosto avchetan man ek suparpawar se rileted hota h मनोवैज्ञानिकों ने मन को दो बड़े  भागों में विभक्त किया है। 1.    चेतन मन – मस्तिष्क का वह भाग, जिसमें होने वाली क्रियाओं की जानकारी हमे होता हैं, चेतन मस्तिष्क है। यह वस्तुनिष्ठ एवं तर्क पर आधारित होता है। 2. अवचेतन मन –    जाग्रत मस्तिष्क के परे मस्तिष्क का हिस्सा अवचेतन मन होता है। हमें इसकी जानकारी नहीं होती। इसका अनुभव कम ही होता है। उदाहरण के रूप में समझें तो इसकी स्थिति पानी में तैरते हीमखण्ड (Iceberg)की तरह है। हिमखण्ड का मात्र 10 प्रतिशत भाग पानी की सतह से ऊपर दिखाई देता है और शेष 90 प्रतिशत भाग सतह से नीचे रहता है। चेतन  मस्तिष्क भी सम्पूर्ण मस्तिष्क का दस प्रतिशत ही होता है। मस्तिष्क का नब्बे प्रतिशत भाग साधारणतया अवचेतन मन होता है। मस्तिष्क का विभाजन जैसा कुछ नहीं होता जैसा कि उदाहरण दिया गया है। ऐसा केवल आपको समझाने के लिए को बताया है। अवचेतन मन को प्रयत्नपूर्वक चेतन मन मे परिवर्तित किया जा सकता है और तब वह चेतन मन का हि...

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